वीज़ा रैकेट व फर्जी इमिग्रेशन घोटाले का पर्दाफाश, 80 लोगों को अवैध रूप से भेजा गया विदेश


संवाददाता; तालिब खान

मुंबई: पोलैंड, नीदरलैंड, कनाडा और तुर्की जैसे देशों में अवैध रूप से भारतीय नागरिकों को भेजने वाले एक बड़े फर्जी वीजा और पासपोर्ट रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। गिरफ्तार आरोपियों से क्राइम ब्रांच की पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह पिछले दो सालों से काम कर रहा था और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर 80 से ज़्यादा लोगों को विदेश भेज चुका था।

इस ऑपरेशन के पीछे के मास्टरमाइंड की पहचान गुजरात के सूरत के राजेश पंचाल के रूप में हुई है, जो फिलहाल क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) के रडार पर है और उसे पकड़ने की कोशिशें जारी हैं।

CIU के एक अधिकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए तीनों संदिग्धों ने पहले एविएशन और इमिग्रेशन सिस्टम का अध्ययन किया ताकि यह समझा जा सके कि सुरक्षा जांच को कैसे दरकिनार किया जाए। इसके बाद उन्होंने अवैध प्रवास को आसान बनाने के लिए जाली वीजा, इमिग्रेशन स्टैंप और एयरलाइन के दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।

*जांच से मुख्य निष्कर्ष*

संदिग्धों के डिवाइस से डिलीट किया गया डेटा बरामद किया गया कई देशों के फर्जी इमिग्रेशन स्टैंप और वीजा जब्त किए गए

 अवैध रूप से विदेश यात्रा कर चुके व्यक्तियों के व्हाट्सएप चैट और मोबाइल नंबर आरोपी इम्तियाज से सात नकली इमिग्रेशन स्टैम्प बरामद किए गए जांच जारी है और अधिकारी इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों का पता लगा रहे हैं

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