उत्तर प्रदेश के मौजूदा बजट पर शिबली नेशनल कॉलेज आजमगढ़ के प्रोफ़ेसर मुहम्मद खालिद आज़मी के विचार।






संवाददाता अब्दुर्रहीम शेख़

आजमगढ़ उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा 8.09 लाख करोड़ रुपए का आम बजट आज उत्तर प्रदेश विधान सभा में पेश हुआ।बजट सरकार के वित्तीय वर्ष की आय और व्यय का केवल लेखांकन मात्र न होकर ये राज्य के विकास की दिशा और उसका वास्तविक परिणाम भी निर्धारित करता है । आज के बजट में सरकार ने अपने कुल व्यय का सबसे अधिक २२ प्रतिशत विकास संबंधी परियोजनाओं के लिए रखा है,  वही बजट का १३ प्रतिशत व्यय शिक्षा के विकास के लिए आबंटित करना प्रदेश सरकार की शिक्षा नीति की प्राथमिकता को दर्शाता है । सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने और सरकारी स्कूलों/ कालिजों में उत्तम आधुनिक सुविधाओं के विकास के लिये सरकार की ये पहल सराहनीय है । यद्यपि इस बजट में कृषि के विकास के लिए भी बड़ी योजना है लेकिन देखना ये होगा की इस बजट में छोटे और सीमांत किसानों को कृषि उत्पादन लागत कम करने तथा उनकी उपज का अतिरेक मूल्य निर्धारित करने के लिए क्या कुछ प्रावधान किया गया है । इस दिशा में लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास के लिए बजट में क्या प्रावधान है ये भी देखना होगा ।ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के साथ जल संरक्षण और जल आपूर्ति को बेहतर करना भी इस बजट की प्राथमिकता है । मनरेगा के अंतर्गत ३४ करोड़ मानव दिवस रोज़गार पैदा करने के लिए सरकार धन का प्रस्ताव भी सरकार की ग्रामीण विकास योजनाओं को पूरा करने के लिये सहायक होगा । कुल मिला कर ये कहा जासकता है कि उ ॰ प्र ॰ सरकार का २०२५-२६  का बजट उत्तर प्रदेश के छेत्रीय विकास को त्वरित कर उत्पादन प्रणाली में सुधार और आय के वितरण में समानता लाने में सहायक हो सकता है । बजट में साधन आवंटन से अधिक महत्वपूर्ण उसका क्रियान्यवन और विकास प्रयोजनाओं को सही समय पर पूरा करना होता है । उम्मीद करते हैं की ये बजट उत्तर प्रदेश के आम जन मानस की आर्थिक सुविधाओं को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा ।

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