संवाददाता अमित तिवारी
मऊ। कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह पालीवाल और महामंत्री रितेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में मऊ जिले के अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट और सभी तहसीलों से बड़ी संख्या में अधिवक्ता इस प्रदर्शन में शामिल हुए और उन्होंने चक्रमण कर बिल के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की।
अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर यह संदेश दिया कि वे इस बिल को किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं करेंगे। अधिवक्ताओं ने महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित चिट्ठी तैयार की और जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र को सौंपते हुए इस बिल के खिलाफ अपनी असहमति दर्ज कराई।
कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के महामंत्री रितेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यह बिल अधिवक्ता समुदाय के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को संकट में डाल सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह बिल वापस नहीं लिया जाता, तो वे और भी बड़े आंदोलन का आगाज करेंगे।
इस प्रदर्शन में कलेक्ट्रेट के अलावा मऊ जिले की सभी तहसीलों से बड़ी तादाद में अधिवक्ता शामिल हुए। विरोध मार्च के दौरान अधिवक्ताओं ने इस बिल के विरोध में नारे लगाए और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने की अपील की।
महामहिम राष्ट्रपति महोदया को संबोधित चिट्ठी को डीएम प्रवीण मिश्र को सौंपते हुए अधिवक्ताओं ने इस बिल को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की। उनका कहना था कि यदि सरकार ने इस बिल को वापस नहीं लिया, तो वे कोर्टों का बहिष्कार करने सहित अन्य कदम उठा सकते हैं।
अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि यह संघर्ष सिर्फ अधिवक्ताओं के अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि समग्र न्याय व्यवस्था और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है। इस विरोध प्रदर्शन ने मऊ जिले में राजनीतिक और कानूनी हलकों में हलचल पैदा कर दी है और यह सवाल उठाया है कि क्या सरकार इस बिल पर पुनर्विचार करेगी या नहीं।
इस दौरान पूर्व अध्यक्ष विद्यानिधि उपाध्याय, महामंत्री संजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता बीबी सिंह, पूर्व शासकीय अधिवक्ता दिनेश राय, वरिष्ठ अधिवक्ता ईश्वर चंद्र त्रिपाठी, कालिकादत्त पाण्डेय, राम प्रकाश सिंह, समेत बड़ी तादाद में अधिवक्ता मौजूद रहे।
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