बच्चों के समग्र विकास में सहायक हो रही है ‘मिशन वात्सल्य योजना




लखनऊ: 10 फरवरी, 2025
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित मिशन वात्सल्य योजना अंतर्गत प्रदेश में बच्चों के संरक्षण के उद्देश्य से आधुनिक तकनीक, शिक्षा के बेहतर अवसर, कौशल विकास व रोजगार से लिंकेज की उच्च स्तरीय सुविधाओं के साथ संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत 132 राजकीय बाल देख-रेख संस्थाएं संचालित है। इसके अतिरिक्त 06 स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से संचालित संस्थाए शासकीय अनुदान प्राप्त करती है। समस्त संस्थाओं में वर्ष में लगभग 5000 बच्चें आवासित होते है। समस्त 75 जनपदों में किशोर न्याय बोर्ड तथा बाल विकास समितियां गठित है। किशोर न्याय समिति मा0 उच्च न्यायालय उ0प्र0 द्वारा विभागीय बाल संरक्षण गतिविधियों की नियमित समीक्षा की जाती है।
वर्तमान में कुल 57 राजकीय संस्थाएं जिसमें 27 राजकीय सम्प्रेक्षण गृह, 08 बाल गृह (बालक) 07 बाल गृह (बालिका), 07 बाल गृह (शिशु), 02 विशेष गृह, 01 प्लेस ऑफ शेफ्टी तथा 05 पश्चात्वर्ती देख रेख संगठन  संचालित है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 75 विशेषज्ञ ग्रहण अभिकरण का भी संचालन किया जा रहा है। साथ ही पी0पी0पी0 मॉडल के अंतर्गत स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से जनपद लखनऊ में विशेषीकृत बच्चों के लिए 03 राजकीय विशेषीकृत संस्थाए संचालित हैं। सरकार का प्रयास है कि आवासित बच्चों को आत्मनिर्भर बनने हेतु बेहतर अवसर उपलब्ध कराये जा सकें। विभाग द्वारा संचालित गृहों में निवासरत बच्चों की कांउसलिंग हेतु स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से साइकोसोशल कांउसलर नियुक्त किए गए हैं।
विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गए विवरण के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2024-25 में माह दिसम्बर, 2024 तक 1713 बालकों को दत्तकग्रहण के माध्यम से पुर्नवासित किया गया है। गत वर्ष से दिसम्बर, 2024 तक 10760 बच्चों को स्पान्सरशिप से तथा 11 बच्चों को फास्टर केयर अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है। प्रदेश में वर्ष 2017-18 से 2023-24 में दिसम्बर, 2024 तक 93658 बच्चों को उनके माता-पिता/अभिभावकों से मिलाया गया। साथ ही विगत वर्षो में इन गृहों से 3550 से अधिक किशोर-किशोरियों और महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है। गतवर्ष 1887 किशोर-किशोरियों को चयनित कर उनका कौशल प्रशिक्षण कराया जा रहा है। बाल विवाह की रोकथाम हेतु राज्य स्तरीय निगरानी समिति तथा जनपद स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है तथा 1707 से अधिक संभावित बाल विवाह रूकवायें गये हैं। प्रदेश में बाल विवाह अधिनियम के प्रभावी क्रियाान्वयन हेतु नियम भी बनाए जा रहे हैं।
संकटग्रस्त बच्चों हेतु राउण्ड द क्लाक आपातकालीन आउटरीच सेवा जो ऐसे बच्चों को आपातकालीन देखभाल और पुनर्वास सहायता उपलब्ध कराती है। 18 वर्ष तक के आयु के देख-रेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे जो बेघर है, किसी प्राकृतिक आपदा के शिकार, बाल विवाह, कानून से संघर्षरत, बाल-तस्करी, एच0आई0वी0एड्स प्रभावित, दिव्यांग, लापता या घर से भागे हुए, बाल वैश्यावृति, बाल-श्रम बाल भिक्षुक या सड़क पर जीवनयापन करने वाले, प्रताड़ित या उत्पीड़ित या शोषित किए गए हैं या जिनके माता-पिता या उनमें से कोई एक जेल में हैं, वह या उनके लिए आवश्यकता पड़ने पर कोई भी राष्ट्रीय टोलफ्री चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। यह एक राष्ट्रीय टोल फ्री आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर है, जो समस्त जनपदों में 01 सितम्बर 2023 से संचालित है। सितम्बर 2023 से 25 दिसम्बर, 2024 तक कुल 7.80 लाख कॉल्स् प्राप्त हुयी हैं तथा 84710 बच्चों को सहायता प्रदान की गई है।

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