कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी ,धर्मपाल सिंह




लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह  द्वारा आज यहां अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र, रहमानखेड़ा, लखनऊ का औचक निरीक्षण किया गया। मंत्री जी ने केन्द्र पर पाले जा रहे उच्च आनुवंशिक गुणों के सांड़ों के रखरखाव की स्थिति देखी। केन्द्र पर वर्तमान में एच०एफ०, जर्सी, जर्सी संकर, साहीवाल, हरियाना, गिर एवं मुर्रा नस्ल के कुल 167 सांड पाले जा रहे हैं। यहाँ पर मुर्रा, साहीवाल, गीर, जर्सी और 80 लीटर प्रतिदिन तक दूध देने वाली एचएफ ब्रीड का वीर्य किसानों के लिए उपलब्ध है। सांडों के रखरखाव की मंत्री जी ने सराहना की, साथ ही निर्देश दिया कि सांडों के खानपान एवं स्वास्थ्य पर निरन्तर ध्यान दिया जाये।
श्री सिंह ने केंद्र पर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। बैठक में मंत्री जी ने कृत्रिम गर्भाधान (एआई) के लक्ष्य प्राप्ति में अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए सीईओ एलडीबी को निर्देशित किया कि
कृत्रिम गर्भाधान (एआई) का लक्ष्य शतप्रतिशत पूरा किया जाय। मंत्री जी ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सख्त रूप से निर्देशित किया कि केन्द्र पर भण्डारित 19,97,658 अतिहिमीकृत वीर्य की स्ट्राज को पशुपालकों को अतिशीघ्र वितरित करने का निर्देश दिया, जिससे पशुपालकों को उनके पशुओं हेतु उच्च गुणवत्ता के वीर्य के माध्यम से उन्न्त नस्ल की मादा संतति प्राप्त हो सके। कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अपेक्षित परिणाम न मिलने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। पशुधन मंत्री ने केंद्र के कर्मियों से भी वार्ता की उनकी समस्याओं का निराकरण करने का भी आश्वासन दिया।
पशुधन मंत्री ने केन्द्र पर वीर्य विधायन प्रयोगशाला व गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला के कार्यों का निरीक्षण कर प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही नवनिर्मित होने वाली वर्गीकृत वीर्य उत्पादन प्रयोगशाला के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया तथा निर्देश दिया कि वर्गीकृत वीर्य उत्पादन प्रयोगशाला को शीघ्र शुरू किया जाये, जिससे पशुपालकों एवं किसानों को उच्च गुणवत्ता की मादा संतति प्राप्त हो सके। इससे छुट्टा जानवरों की समस्या से किसानों को छुटकारा मिल सकेगा। श्री सिंह ने कहा कि पशुपालकों और किसानों को पशु बीमा का क्लेम मिलने में कठिनाई ना हो। यदि समस्या आई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, बीमा कंपनियों को भी ब्लैकलिस्ट करेंगे। इसके साथ ही बीते वर्ष बीमा का कार्य बीच में छोड़ देने वाली बीमा कंपनियों के विरूद्व आवश्यक कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिये।
केन्द्र पर निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा० योगेन्द्र सिंह पवार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा० नीरज गुप्ता, अपर निदेशक गोधन डा० मेमपाल सिंह, अपर निदेशक लखनऊ मण्डल डा० गोपेश श्रीवास्तव, अपर निदेशक डा० ओ०पी० सोनकर, संयुक्त निदेशक डी०एफ०एस० डा० नीरज कुमार वर्मा एवं केन्द्र के पशु चिकित्सा अधिकारी डा० सी०पी०सिंह, डा० सर्वेन्द्र कुमार गुप्ता, डा० दीप्ति वर्मा एवं अन्य कार्यकारी स्टाफ उपस्थित रहे।

Post a Comment

Previous Post Next Post