विद्युत कार्यों में गड़बड़ी करने वाले कार्मिकों के खिलाफ की जा रही सख्त कार्यवाही-ए0के0 शर्मा




न्यूज ऑफ इंडिया (एजेंसी)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री  ए0के0 शर्मा ने सोमवार को विधान परिषद में निजीकरण के सवाल पर विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि उ0प्र0 में पहली बार सन 1993 में निजीकरण की प्रक्रिया नोयडा में शुरू की गयी थी और सन 2010 में टोरेंट को भी फ्रेन्चाइजी मिली। ये दोनों कार्य विपक्ष की सरकार के दौरान हुए। लेकिन अब विपक्ष बिजली के निजीकरण या पीपी माडल पर भ्रामक अफवाहें फैलाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। फिर भी जनता का विश्वास सरकार के साथ ही है।ऊर्जा मंत्री ने  ए0के0 शर्मा ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत किसी भी विद्युत कार्मिक का अहित नहीं होने जा रहा। सभी के हितों का पूरा ध्यान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जो विद्युत वितरण कंपनियां अच्छा कार्य कर रही हैं, उनके कार्यों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है। जहां समस्या आ रही है जैसे कि पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों में ऐसी व्यवस्था बनाने की प्रक्रिया की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को गुणवत्तापूर्ण एवं निर्वाध विद्युत आपूर्ति के लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने पड़ेगे, उस पर कार्य किया जायेगा।ऊर्जा मंत्री ने भ्रष्टाचार के मामलों पर कहा कि विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए थर्ड पार्टी जांच की व्यवस्था पहली बार शुरू की गयी है। पहले इस प्रकार की व्यवस्था नहीं थी। कार्यों के साथ-साथ गुणवत्ता की भी जांच चलती रहती है। यह पूरी प्रक्रिया वैज्ञानिक पद्धति से कराई जाती है। भ्रष्टाचार पर 10 जूनियर इंजीनियर तथा 01 सहायक इंजीनियर को चार्जशीट दिया गया और 02 जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त भी किया गया है तथा इसमें संलिप्त एक कार्यदायी संस्था को एक वर्ष के लिए वैन भी कर दिया गया है।

Post a Comment

Previous Post Next Post