शिव पुर तालाब भू माफियाओं का कब्जा नहीं हो रही सुनवाई डाक्टर जितेंद्र प्रसाद




संवाददाता सुभाष शास्त्री 

वाराणसी  काशी पंचकोसी परिक्रमा मार्ग स्थित शिवपुर तालाब (आराजी नंबर 69 मौजा एवं परगना शिवपुर  कुल रकबा 2.70 एकड़ सदर तहसील वाराणसी) सन् 2002 में मिट्टी/मलवा डालकर जब तालाब पाटा जाने लगा जिसका स्थानीय नागरिकों ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद की, स्थानीय स्तर पर आंदोलन के पश्चात जिला मुख्यालय एवं नगर निगम मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन के साथ ही अधिकारियों का घेराव करके जोरदार तरीके से इस मामले को नगर निगम के सदन एवं कार्यकारिणी समिति की बैठकों में भी प्रमुखता से उठाया गया , पहले अधिकारियों ने कुछ रुचि जरूर दिखाई बाद में तालाब बचाने के संबंध में उदासीनता बरतने लगे 

मा० उच्च  न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में सुनवाई के पश्चात

 मा० हाई कोर्ट के निर्देश पर वाराणसी के तत्कालीन मंडलायुक्त वाराणसी द्वारा गठित चार सदस्यों की जांच समिति ने मौके एवं अभिलेखों की जांच में पाया   कि यह सार्वजनिक तालाब की भूमि है जिसे पाटकर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है। 

इन्हे कोई स्वत्त्वधिकार एवम संक्रमणीय भूमिधर का अधिकार प्राप्त नही हो सकता

सन् 1924 में टाउन एरिया कमेटी शिवपुर का गठन किया गया था जिसका सन् 1959 में पूर्व के नगर महापालिका वाराणसी में विलय कर दिया गया, प्रारंभ से ही शिवपुर क्षेत्र कॉर्पोरेशन एरिया का हिस्सा रहा है।

चुकीं सन 1291 फसली में गाटा संख्या 69 तालाब के रूप में दर्ज था, इसके बाद ही पूर्व में जारी नगर निगम वाराणसी की अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत मानचित्र को अस्वीकृत कर दिया गया और जिलाधिकारी वाराणसी के निर्देश पर मुख्य राजस्व अधिकारी वाराणसी द्वारा स्थानीय थाना शिवपुर में दिनांक 20/04/2008 को शिवपुर तालाब पाट कर उसके स्वरूप को बदलने वालों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई।

मा० मंडलायुक्त की अध्यक्षता में सम्पन्न कुंडो/तालाबों की संरक्षण समिति की बैठको दिनांक :- 01/06/2016, 30/12/2017 एवम 28/04/2018 को पाटे गये तालाब की खुदाई कराने का निर्देश हुआ और मौके पर जे सी बी लगाकर तालाब के आंशिक भाग पर खुदाई भी करायी गयी थी। तभी से अवैध कब्जेदार मुझे रंजीश रखते हैं और इस मामले से पीछे हट जाने का हम पर बार-बार दबाव बनाते हैं, जब मैं इन लोगो के किसी प्रलोभन और दबाव के आगे नहीं झुका तो, ये लोग मेरे खिलाफ साजिश रचकर वाराणसी जनपद से लगभग 450 किलोमीटर दूर हरदोई जनपद के संडीला थाने में मनगढ़ंत आरोप लगाकर फर्जी मुकदमे में मुझे फंसा दिये जब मैं इसका डटकर मुकाबला किया उत्तर प्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन के अलावा पुलिस के उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत कराया और माननीय उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ में एक याचिका दायर की जिसमें हरदोई पुलिस अपने ही बुने जाल में फसते हुआ देख अपने द्वारा लिखित फर्जी FIR में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।

यह बात आप सब के संज्ञान में इसलिए लाना चाहता हूं की अवैध कब्जेदारो की नियत शिवपुर तालाब पर शुरू से ही खराब रही है और वह जिला प्रशासन/नगर निगम वाराणसी के कुछ तथा कथित भ्रष्ट अधिकारियों को मिलाकर और येन केन प्रकारेण शिवपुर तालाब को हथियाना चाहते हैं।

शिवपुर तालाब फसली सन 1291के खसरा एवम बंदोबस्त के नक्शे में भी अंकित है, नगर निगम वाराणसी की 63 तालाबों की सूची में 31वे नंबर पर दर्ज है साथ ही नगर निगम की संपत्ति रजिस्टर में भी तालाब के रूप में दर्ज है मौके पर भी नगर निगम वाराणसी का सूचना बोर्ड लगा हुआ है, तमाम आई०जी०आर०एस० में की गयी शिकायत के जवाब में यही लिखकर आया है कि यह भूमि तालाब की है और मौके पर किसी प्रकार का कोई अवैध कब्जा या निर्माण नहीं हो रहा है जमीन खाली है।

मेरी एवं शिवपुर वासियों की शुरू से ही यह मांग रही है कि इस तालाब की खुदाई कराकर इसमें से मिट्टी निकाल कर तालाब को अपने मूल स्वरूप में (रीस्टोरेशन आफ वॉटर बॉडी) लाकर उसका सुंदरीकरण किया जाए और जब तक यह मांग पूरी नहीं हो जाती हम सभी संघर्षरत रहेंगे और तालाब के पुनर्स्थापना करने की मांग से हम कदापि पीछे हटने वाले नहीं है और ना ही किसी प्रलोभन या दबाव में आने वाले हैं।

आप सबके सहयोग एवं आशीर्वाद से पर्यावरण एवं जल संरक्षण के लिए हमारा यह संघर्ष जारी रहेगा।

खबर संकलन डाक्टर जितेंद्र प्रसाद
पुर्व पार्षद एवं जिला उपाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी वाराणसी।


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