आंध्र प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने गुंटूर जिले में स्थित कैल्वरी टेम्पल चर्च को गिराने के आदेश जारी किया है। यह चर्च पेडकाकनी मंडल के नम्बुरु गाँव में स्थित है। इस चर्च को अवैध रूप से संचालन किया जा रहा था। एक जाँच के बाद इसका खुलासा हुआ था। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, केवल उन संरचनाओं को ध्वस्त किया जाएगा जो बिना कानूनी अनुमति के चल रही हैं।
दरअसल, नवंबर 2024 में इस चर्च के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय को एक शिकायत दी गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि इसका संचालन पंचायती राज, राजस्व, पुलिस और ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे सरकारी विभागों से कानूनी अनुमति के बिना किया जा रहा है। इसमें ये भी कहा गया था कि पादरी डॉक्टर सतीश कुमार ने टैक्स का भुगतान किए बिना दान के जरिए लोगों को लूटा।
शिकायत के बाद जाँच में पाया गया कि यह चर्च अवैध रूप से संचालित हो रहा था और गरीबों को किराने का सामान देकर तथा फर्जी दावे करके हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित कर रहा था। अक्टूबर में बताया गया था कि हैदराबाद के पादरी डॉक्टर सतीश कुमार के नेतृत्व में कैल्वरी चर्च ने हर महीने लगभग 3,000 हिंदुओं को ईसाई धर्म में धर्मांतरित किया है।
पादरी सतीश कुमार ने विशेष रूप से दावा किया कि उन्होंने अब तक 3.5 लाख से अधिक हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित किया है। सतीश कुमार ने अगले 10 वर्षों में पूरे भारत में 40 ऐसे चर्च स्थापित करने की योजना बताई थी। CBN न्यूज़ (द क्रिश्चियन ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क इंक) का एक वीडियो 26 अक्टूबर 2024 को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर वायरल हुआ।
इस वीडियो में कैल्वरी टेम्पल चर्च की धर्मांतरण गतिविधियों के बारे में बात की गई थी। बाद में 28 अक्टूबर 2024 को लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फ़ोरम (LRPF) ने X पर साझा किया कि काकीनाडा के जिला कलेक्टर के आदेश के बाद राजस्व अधिकारियों ने कैल्वरी टेम्पल चर्च को ज़ब्त कर लिया है। चर्च पर भूमि कब्जाने, संदिग्ध समझौतों के ज़रिए नए चर्च बनाने, कानून का उल्लंघन सहित कई आरोप हैं।
कैल्वरी टेंपल चर्च एशिया के सबसे बड़े चर्चों में से एक है, जिसके सदस्यों की संख्या 4 लाख से अधिक है। वहीं, साप्ताहिक उपस्थिति 20,000 से अधिक होती है। चर्च के अलावा, सतीश कुमार का संगठन कैल्वरी बाइबल कॉलेज, कैल्वरी अस्पताल और कैल्वरी स्कूल चलाता है। पादरी सतीश कुमार का आंध्र प्रदेश और उसके बाहर राजनीति से लेकर हर क्षेत्र में काफी प्रभाव माना जाता है।
इसके साथ ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ईसाई समुदायों में भी सतीश कुमार की तगड़ी पहुँच है। वह मिशनरी गतिविधियों के लिए अक्सर अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया सहित विभिन्न देशों में आते-जाते रहते हैं। अमेरिका के तत्कालीन उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने साल 2018 में सतीश कुमार से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया साइट X पर शेयर की थी और मुलाकात को प्रेरणादायक बताया था।
चर्च की स्थापना
कैल्वरी टेम्पल इंडिया की स्थापना 2005 में सतीश कुमार ने की थी। उन्हें अक्सर एक सम्मानित पादरी, लेखक और अंतरराष्ट्रीय वक्ता बताया जाता है। उन्हें दूरदर्शी नेतृत्व और ईमानदार बताया जाता है। हालाँकि, जाँच में उनके मिशनरी कामों का पता चला। पादरी सतीश ‘बाइबिल के मानकों’ पर जोर देते हैं, जो रणनीतिक रूप से उनके अनुयायियों को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया लगता है।
यह भारत में आक्रामक तरीके से धर्मांतरण को बढ़ावा देने के उनके लक्ष्य को दिखाता है। चर्च की वेबसाइट पर कैल्वरी के बारे में खूब प्रशंसा की गई है। इसमें चर्च के 400,000 सदस्य होने का दावा किया गया है। ये सब कुछ हिंदुओं को लक्षित करने के लिए धन जुटाने की रणनीति के तहत किया गया लगता है। कैल्वरी चर्च का यह भी दावा है कि चर्च का निर्माण केवल 52 दिनों में किया गया था।
जब कैल्वरी बाइबिल कॉलेज और कैल्वरी अस्पताल जैसी पहलों के साथ-साथ प्रदान किए जाने वाले मुफ़्त भोजन पर विचार किया जाता है, तो यह परोपकार के बारे में कम और धार्मिक साम्राज्य के निर्माण के बारे में अधिक प्रतीत होता है। पादरी सतीश कुमार अपनी कई गतिविधियों के कारण कुख्यात हो चुके हैं। हालाँकि, ईसाई उनकी गतिविधियों को समुदाय के लिए एक बड़ी सेवा मानते हैं।
मिडिया रिपोर्ट न्यूज़ एजेंसी से मिली खबर सूत्रों से
ब्यूरो रिपोर्ट
ए के सिंह
एन के चौहान
Post a Comment