पक्का मस्जिद स्थित मदरसा जामिया सिद्दीकिया सिराजुल उलूम में हुआ दस्तारबंदी प्रोग्राम





संवाददाता हाफ़िज़ नियामत 

मछलीशहर (जौनपुर) स्थानीय नगर के अलावियाना वार्ड स्थित मदरसा जामिया सिद्दीकिया सिराजुल उलूम (पक्का मस्जिद)में दस्तारबंदी प्रोग्राम कर 17 हाफिजों को पग़ड़ी बांध कर दस्तार बंदी की अदायगी की गई । 

बताते चले मदरसा जामिया सिद्दीकिया सिराजुल उलूम में बीती शाम जलसा ए दस्तार बंदी व इस्लाही मआशरा कार्यक्रम की शुरुवात कारी सिराज अहमद ने तिलावत ए कुरान से किया। उक्त कार्यक्रम में मदरसे के छात्रों ने मुकालमें और नात ख्वानी पढ़ कर महफिल में चारचांद लगाया।
इसी कड़ी में मौलाना फैय्याज अहमद बाराबंकी ने जलसे को खिताब किया और कुरान की रोशनी में बयान किया। कहा हाफ़िज़ की उपाधी प्राप्त करने वाले छात्र धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर समाज में फैले बुराइओं को दूर करने का प्रयास करें।वर्तमान दौर में छात्र आधुनिक शिक्षा को प्राप्त कर समाज से अशिक्षा को दूर करते हुए देश व समाज हित में अच्छा कार्य करके मिसाल पेश करे ।कहा कि समाज में दहेज प्रथा आदि कुरूतियों को जड़मूल से समाप्त करने की आवश्यकता है। इसी क्रम में हाफ़िज़ मोहम्मद कैफ वल्द मरहूम हाफ़िज़ अबुल लैस, हाफ़िज़ मामून वल्द महमूद अंसारी, हाफ़िज़ अरसलान वल्द नदीम अहमद,हाफ़िज़ मोहम्मद सादिक वल्द इक़बाल अहमद, हाफ़िज़ मोहम्मद अय्यूब वल्द अबुल कैस,हाफ़िज़ नावेद अली वल्द उबैद अहमद,हाफ़िज़ मोहम्मद रिज़वान वल्द मोहम्मद सलीम,हाफ़िज़ मोहम्मद अनस वल्द मोहम्मद अशरफ,हाफ़िज़ फ़ूज़ैल अहमद वल्द शकील अहमद,हाफ़िज़ मोहम्मद तौफ़ीक वल्द मोहम्मद सईद, 
हाफ़िज़ मोहम्मद माज़ वल्द मोहम्मद फैसल,हाफ़िज़ मोहम्मद हुसैन वल्द अब्दुल हलीम, हाफ़िज़ मोहम्मद हसन वल्द शहाबुद्दीन,हाफ़िज़ नियामतुल्लाह वल्द मरहूम अमानतुल्लाह,हाफ़िज़ फरहान शाहिद वल्द मोहम्मद शाहिद, हाफ़िज़ उबैदुल्लाह वल्द हाफ़िज़ मोहम्मद इक़राम,हाफ़िज़ एबादुल्लाह वल्द मोहम्मद मुर्तज़ा की दस्तारबंदी कर सभी हाफिजों को पग़ड़ी बांध कर सनद दी गई। कार्यक्रम शाम 6 बजे से लेकर रात 12:00 बजे तक प्रोग्राम चलता रहा।इस मौके पर जियाउद्दीन अंसारी,हाजी इमरान , राशिद खान,तहसीन मुस्तफा,हसीन अंसारी आरिफ अंसारी,महमूद अंसारी, बबलू राईन, इश्तियाक अंसारी,नेहाल अहमद,नौशी अंसारी,मुराद कुरैशी,सहित काफी संख्या में मौजूद रहे ।कार्यक्रम की निजामत हजरत मौलाना डॉक्टर खुबैब अहमद साहब नदवी ने किया । शहंशाह ए तरन्नुम शायर इस्लाम हजरत मौलाना उमर अब्दुल्ला साहब ने नात पढ़ी । फख्र शिराज ए हिंद हजरत मौलाना तौफीक अहमद साहब ने कार्यक्रम की सदारत की।सबसे आखिर में मदरसे के नाजिम मौलाना जलालुद्दीन ने सभी आए हुए मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।

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