संवाददाता रविंद्र दुबे
15 दिसंबर से 14 जनवरी 2025 तक खरमास होने के कारण मांगलिक कार्यों, विवाह, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नव प्रतिष्ठान, वधु प्रवेश, मुंडन, उपनयन संस्कार, देव प्रतिमा प्रतिष्ठा आदि कार्यक्रमों पर विराम लग जाएगा। हालांकि धार्मिक कार्य विधि-विधान से संपन्न होंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि सूर्य के बृहस्पति की धनुराशि में गोचर करने से खरमास शुरू होता है। यह स्थिति मकर संक्रांति तक रहती है। इस कारण मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। जैसे ही सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तभी से खरमास आरंभ हो जाता है। इसके साथ ही शादी, विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्य निषेध हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि 15 दिसंबर की रात्रि 10:11 बजे से 14 जनवरी 2025 की सुबह 08:56 मिनट तक सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने तक खरमास रहेगा। वर को सूर्य का बल और वधु को बृहस्पति का बल होने के साथ ही दोनों को चंद्रमा का बल होने से ही विवाह के योग बनते हैं। इस पर ही विवाह की तिथि निर्धारित होती है। खरमास शुरू हो जाने से विवाह संस्कारों पर एक माह के लिए रोक लग जाएगी। जनेऊ संस्कार, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश भी नहीं किया जा सकेगा।
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