33 फीसद पद भरे जाते हैं
बता दें कि प्रदेश में आईपीएस काडर के 33 फीसदी पद पीपीएस को प्रदोन्नति देकर भरे जाते हैं। जिन पीपीएस अफसरों की उम्र 56 वर्ष से अधिक हो जाती है, उनके नाम का प्रस्ताव नहीं भेजा जाता है। आईपीएस अफसरों का काडर रिव्यू तो समय पर हो जाता है, लेकिन पीपीएस में लगातार विलंब हो रहा है। वर्ष 2019 में प्रस्तावित काडर रिव्यू तीन वर्ष के विलंब के बाद वर्ष 2022 में हुआ था। नियमत: वर्ष 2024 में फिर काडर रिव्यू होना चाहिए, हालांकि इसके आसार नहीं दिख रहे हैं।
ये हो चुके हैं रिटायर (1991 से 1997 बैच तक
देवेंद्र नाथ, अशोक कुमार राय, प्रद्युम्न सिंह, विजयपाल सिंह, अजय प्रताप सिंह, रवींद्र कुमार सिंह, ओमप्रकाश पांडेय, जियालाल यादव, रामभवन, हरदयाल सिंह, वीरेंद्र कुमार यादव, हबीबुल हसन, लल्लन प्रसाद, मनोज कुमार, सुखवीर सिंह, राजपाल, अरुण कुमार, अखिलेश्वर पांडेय, राममूरत यादव, अमर सिंह, मंशाराम गौतम, सतीश चंद्र, रामयश सिंह, रामनयन, संसार सिंह, सुखराम भारती, सुरेंद्र प्रसाद द्विवेदी, राममोहन सिंह, अजय कुमार सिंह, महेंद्र प्रताप चौहान।
आईपीएस बने बगैर हो जाएंगे रिटायर
डॉ. मनोज कुमार, धर्मेंद्र सचान, शंभूशरण यादव, पुत्तू राम, सतीश चंद्र, त्रिभुवन राम त्रिपाठी, अरविंद कुमार पांडेय, दिगंबर कुशवाहा, मोहम्मद इरफान अंसारी, अजय प्रताप, नैपाल सिंह, प्रेमचंद्र, सुभाष चंद्र गंगवार, बलरामचारी दुबे, अखिलेश नारायन सिंह, अशोक कुमार वर्मा, अशोक कुमार, डॉ. संजय कुमार, महेंद्र कुमार, राजेश कुमार सोनकर, अजय कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, रमेश कुमार भारतीय, सत्यपाल सिंह, शिष्य पाल, रफीक अहमद।
इस तरह समझें पदों का गणित
- 1364 पीपीएस अफसरों के पद हैं स्वीकृत
- 1013 पीपीएस अफसर वर्तमान में हैं कार्यरत
- 334 पीपीएस के पद चल रहे हैं रिक्त
- 26 पीपीएस आईपीएस बने बगैर हो जाएंगे रिटायर
नहीं बुलाई गई बैठक
पीपीएस काडर के साथ न्याय नहीं हो रहा है। मेरी पदोन्नति का आदेश होने के बावजूद बैठक नहीं बुलाई गई। जिसके बाद 31 जनवरी, 2024 को सेवानिवृत्त हो गया। इसी तरह तमाम अफसर अपनी वर्षों की सेवा के बावजूद आईपीएस अफसर नहीं बन पा रहे हैं।- सुखराम भारतीय, (1995 बैच के सेवानिवृत्त पीपीएस अधिकारी एवं पीपीएस एसोसिएशन के पूर्व सदस्य)
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