दिनांकः10-02-2024 को
एस0टीएफ०एफ० उत्तर प्रदेश को हत्या, डकैती, लूट सहित कई संगीन अपराध में निरूद्ध के दौरान वर्ष 2016 में आजमगढ़ कारागार से फरार रू0 1,00,000/- का पुरस्कार घोषित अभियुक्त जितेन्द्र मुसहर मुठभेड़ के दौरान आजमगढ़ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।
जितेन्द्र मुसहर पुत्र देवनाथ मुसहर, निवासी अगस्ता, थाना नन्दगज, गाजीपुर
1- 01 अदद तमंचा 315 बोर
2- 02 अदद खोखा कारतूस 315 बोर।
3- 01 अदद जिन्दा कारतूस 315 बोर,
4- रू0 300/- नगद बरामद किया। गिरफ्तारी
दिनांक 10-02-2024 समय 02.00 बजे रात्रि, भदुली बाई पास, थाना सिधारी, जनपद आजमगढ से हुई।
एसटीएफ, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से फरार / पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर अपराध करने एवं अन्य अपराधों में लिप्त होने की सूचनायें प्राप्त हो रहीं थी। इस सम्बन्ध में एस०टी०एफ० की विभिन्न इकाईयो/टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके अनुपालन में श्री प्रमेश कुमार शुक्ल, पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ लखनऊ के पर्यवेक्षण में टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
अभिसूचना संकलन के क्रम में उ०नि० जावेद आलम सिद्दीकी के नेतृत्व में मु०आ० मृत्युन्जय सिंह, यशवन्त सिंह, चन्द्र प्रकाश मिश्र की एक टीम जनपद आजमगढ़ में मौजूद थी, इस दौरान ज्ञात हुआ कि वर्ष 2016 में जनपद कारागार आजमगढ़ में निरूद्ध बन्दी जितेन्द्र मुसहर जेल की दीवार फादकर फरार हो गया था और उसके विरूद्ध थाना सिधारी में मु०अ०सं० 157/2016 धारा 223, 224 भादवि पंजीकृत हुआ था जिसमें रू0 1,00,000/- का पुरस्कार घोषित है, जो अपने साथी चन्द्रशेखर
मुसहर के साथ आजमगढ़ में किसी से मिलकर बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है।
इस सूचना पर एसटीएफ टीम थाना सिधारी पुलिस को साथ लेकर भदुली बाई पास के पास उसका इन्तजार करने लगी। कुछ समय पश्चात 02 व्यक्ति पैदल आते दिखायी दिये, जिसे पुलिस टीम द्वारा रोकने का प्रयास किया गया तो दोनों व्यक्ति पुलिस टीम को देखकर भागने लगे तो उनका पीछा किया गया, जिस पर दोनों व्यक्ति पुलिस टीम पर फायरिंग करने लगे। पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ जवाबी
फायरिंग की गयी, कुछ समय पश्चात फायरिंग बन्द होने के बाद बदमाशों के पास पुलिस पहुँची तो सर्विस लेन पर एक व्यक्ति घायल अवस्था में गिरा हुआ पाया गया और दूसरा व्यक्ति अन्धेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गया। घायल व्यक्ति के दाहिने पैर में गोली लगी थी, जिस पर उसे नजदीकी चिकित्सालय ले जाया गया जहाँ पर चिकित्सकों द्वारा उसका इलाज किया जा रहा है। घायल व्यक्ति ने अपना नाम जितेन्द्र मुसहर उपरोक्त बताया एवं भागे हुए व्यक्ति का नाम चन्द्रशेखर मुसहर बताया।
उल्लेखनीय है कि थाना क्षेत्र तरवाँ अन्तर्गत मन्दिर परिसर में सो रहे 01 पुजारी एवं 02 ग्रामीणों की हत्या कर डकैती की घटना हुई थी, जिसमें जितेन्द्र मुसहर आदि जेल गये थे। जेल में निरूद्ध के दौरान इनके द्वारा जेल में खाना बनाने का कार्य किया जा रहा था। इस दौरान दिनांक 18-08-2016 को रक्षाबन्धन के दिन खाना बनाने के उपरान्त खाना बनाने वाले कलछुल, चादर एवं गमछे की मदद से जेल की दीवार फॉदकर अपने साथी चन्द्रशेखर व प्रकाश के साथ फरार हो गया था। जितेन्द्र मुसहर द्वारा अपने गैंग के साथ निम्नांकित जघन्य घटनाओं को अंजाम दिया गया है:-
• दिनांक 21-03-2014 को थाना क्षेत्र जीयनपुर, कोतवाली अन्तर्गत जीवन ज्योति क्लीनिक के मालिक डा० विनोद यादव के घर डकैती की घटना के दौरान डा० विनोद यादव एवं उनकी पत्नी डा० संगीता यादव की हत्या।
• दिनांक 25-03-2014 को ग्राम सोहनी थाना क्षेत्र केराकत, जौनपुर में डकैती के दौरान गृह स्वामी अगरतु एवं उनकी पत्नी जुवरा देवी की हत्या।
दिनांक 21-05-2014 को ग्राम मुलायमनगर, थाना फेफना बलिया में डकैती की घटना के दौरान एक व्यक्ति की मौके पर हत्या एवं 02 महिलाएं गम्भीर रूप से घायल।
दिनांक 26-05-2014 को थाना क्षेत्र तरवाँ, जनपद आजमगढ़ में ग्राम तरवों कातूसिंह का पुरवा स्थित मन्दिर में डकैती के दौरान पुजारी अनिल शर्मा सहित ग्रामीण सत्यनारायण विश्वकर्मा एवं दीपक सिंह की ईट एवं धारदार हथियार से हत्या।
गिरफ्तार अभियुक्त जितेन्द्र मुसहर उपरोक्त का निम्न अपराधिक इतिहास ज्ञात हुआ हैः-
1- तरवा थाना, आज़मगढ़ में एफआईआर संख्या 69/14 यू/एस 396, 412 आईपीसी।
2- मु0अ0सं0 78/14 धारा 302, 394 भादवि थाना जीयनपुर आजमगढ़।
3- मु0अ0सं0 323/14 धारा 460, 323 भादवि थाना फेफना बलिया ।
4- मु0अ0सं0 217/14 धारा 460 भादवि थाना केराकत, जौनपुर।
5- मु0अ0सं0 71/15 धारा 2/3 यूपी गैगेस्टर एक्ट थाना तरवाँ, आजमगढ़।
6- मु0अ0सं0 157/16 धारा 223, 224 भादवि थाना सिधारी, आजमगढ़ अभियुक्त जितेन्द्र मुसहर उपरोक्त के विरूद्ध थाना सिधारी, आजमगढ़ में मु0अ0सं0: 45/24 धारा 307 भादवि एवं 3/25 आर्म्स एक्ट का अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।)]9)8])8
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