आगरा में हॉस्पिटल संचालकों द्वारा इलाज के नाम पर लोगों से वसूली जाने वाली मोटी रकम

आगरा  से कश्मीरा की खास रिपोर्ट प्रहारी मुंबई न्यूज़

 आगरा में हॉस्पिटल संचालकों द्वारा इलाज के नाम पर लोगों से वसूली जाने वाली मोटी रकम का विरोध करने पर उनके साथ में अभद्रता और मारपीट तक की जाती है तीमारदारों द्वारा डॉक्टरों द्वारा लंबी चौड़ी रकम वसूलने का जब विरोध किया जाता है तो हॉस्पिटल संचालक का स्टाफ अभद्रता और मारपीट तक पर उतारू हो जाता है जब तक पैसे वसूल नहीं देता है तब तक मरीज को हॉस्पिटल से निकलने नहीं देता है,

ऐसा एक नहीं आगरा के लगभग सभी हॉस्पिटलों में हो रहा है अब तो हॉस्पिटल संचालकों ने तीमारदारों द्वारा वसूली जाने वाली मोटी रकम का विरोध करने पर उन्हें धमकाने और फर्जी मुकदमे में फंसाने तक की तैयारी हॉस्पिटल संचालकों के द्वारा कर ली गई है 

आगरा में कुकुरमुत्ता की तरह खुले हॉस्पिटल मैं संचालकों द्वारा गैर प्रशिक्षित स्टाफ को लगा रखा है जो डॉक्टर की गैरमौजूदगी में मरीजों का इलाज करते हैं अब तो हॉस्पिटल संचालक कौन है लोगों को धमकाने का नया तरीका अपना लिया है हॉस्पिटल के रिसेप्शन से लेकर नर्सिंग स्टाफ तक में महिला और लड़कियों को रखा हुआ है जिनके पास चिकित्सा से जुड़ी कोई डिग्री या डिप्लोमा नहीं है स्वास्थ्य विभाग के द्वारा यदि इसकी निष्पक्ष जांच कर ली जाए तो अधिकांश स्टॉप के पास इंटर तक की शिक्षा नहीं होगी ,

लेकिन हॉस्पिटल संचालकों द्वारा इलाज के नाम पर वसूली जाने वाली मोटी रकम का विरोध करने पर तीमारदारों को चमकाने के लिए इनका सहारा दिया जाता है यदि तीमारदारों द्वारा किसी तरह का विरोध किया जाता है तो हॉस्पिटल संचालक उपरोक्त महिलाओं को आगे कर तीमारदारों से अभद्रता कर आते हैं और जब तीमारदार इसका विरोध करते हैं तो हॉस्पिटल संचालक पुलिस को हॉस्पिटल स्टाफ की महिलाओं के साथ अभद्रता छेड़खानी और मारपीट का आरोप लगाकर बुला लेते हैं और फिर यही महिलाएं पुलिस को अपने साथ की गई छेड़खानी की बात करते हुए तीमारदारों पर दबाव बनवा देते हैं , बेचारे इलाज के मारे पुलिस के भय से इलाज के नाम पर इन हॉस्पिटल संचालकों को मोटी रकम तो चुकाते ही हैं अपित हॉस्पिटल में तीमारदारों को धमकाने के लिए रखी इन महिला स्टाफ से माफी भी मांगते हैं ।

ऐसा ही एक मामला विगत दिनों आगरा के अर्जुन नगर स्थित वीके गुप्ता नर्सिंग होम में घटित हुआ था जिसमें अपने परिजन का इलाज कराने पहुंचे कमाल खान क्षेत्र के एक तीमारदार से हॉस्पिटल स्टाफ की कहासुनी हो गई थी हॉस्पिटल स्टाफ ने तीमारदार के साथ मारपीट की थी जिससे उसके पैर में फैक्चर भी हो गया था, हॉस्पिटल स्टाफ के द्वारा मारपीट और अभद्रता पर तीमारदार के परिजन और अन्य लोग हॉस्पिटल पर एकत्रित हो गए थे जिस पर हॉस्पिटल संचालक ने इसी तरह की हॉस्पिटल में रखे लड़कियों को आगे करके पुलिस को मामले की जानकारी दी थी पुलिस मौके पर पहुंची थी और इन्हीं महिलाओं ने तीमारदार पर उनके साथ मारपीट और अभद्रता करने के साथ-साथ कपड़े तक फाड़ने के आरोप लगाए थे स्थानीय पुलिस भी हॉस्पिटल संचालक की तरफदारी कर रही थी पीड़ित तीमारदार के द्वारा शिकायत करने पर भी उसका कोई मुकदमा दर्ज करना तो दूर तहरीर तक नहीं ली थी, हॉस्पिटल संचालक सहित पुलिस के द्वारा पीड़ित तीमारदार पर ही मारपीट और अभद्रता का आरोप जला जा रहा था जिससे भयभीत होकर पीड़ित तीमारदार के द्वारा ही उपरोक्त स्टाफ की लड़कियों से पुलिस और हॉस्पिटल संचालक के द्वारा माफी तो मंगवाई गई अबे इलाज के नाम पर मूर्ति रकम भी वसूली गई ।

जब इस तरह की घटना पर आगरा के अपर जिला चिकित्सा अधिकारी पीयूष जैन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यदि कहीं हॉस्पिटल में इस तरह का ताप रखा गया है और वह इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं तो लोग इसकी शिकायत करें वह उन पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई करेंगे ।

बड़ा सवाल यह है कि लोग हॉस्पिटलों में इलाज कराने पहुंचते हैं नक्की वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ की डिग्री और डिप्लोमा चेक करने डॉक्टरों के द्वारा इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है जो पहले से तीमारदार और मरीज को नहीं बताई जाती यदि वह रकम चुकाने में असमर्थता जाहिर करता है तो उसके साथ मारपीट और अभद्रता की जाती है और इस तरह के आरोप लगाकर जवाब बनाया जाता है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हैं कि जनता से शिकायत की बात कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं

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