अब्दुर्रहीम शेख़
लालगंज,आजमगढ।
जनपद आजमगढ़ के तहसील निज़ामाबाद में 18 वर्ष से विचाराधीन एक मुकदमे में निर्णय आया है।जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल तहसील निज़ामाबाद के ग्राम सीधा सुल्तानपुर निवासी स्वर्गीय मुहम्मद हुसैन पर गांव के ही अलाउद्दीन आदि ने उस समय के लेखपाल का सहारा लेकर फर्जी तरीके से रिपोर्ट लगाकर 115 सी.मुकदमा दर्ज करवा दिया था।यह फर्जी मुकदमा मुहम्मद हुसैन की मृत्यु के पश्चात भी ढाई वर्षों तक चलता रहा।पीड़ित मुहम्मद हुसैन के पुत्र डॉक्टर खालिद आदि का कहना है कि हम लोगों पर निराधार 18 वर्षों तक 115 सी चलाया गया।क्योंकि आबादी की भूमि पर 115 सी नहीं चल सकता,और आकार पत्र 41 के अनुसार ग्राम सीधा सुल्तान गाटा संख्या 331 हाल गाटा संख्या 517 आबादी श्रेणी 6–2 की भूमि है। लेकिन एक आबादी की भूमि पर 18 वर्षों तक 115 सी चलाकर हमें आर्थिक और मानसिक तौर पर बहुत कष्ट दिया गया।मौजूदा लेखपाल ने तहसीलदार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा है कि गाटा संख्या 517 में ही प्रतिवादी स्वर्गीय मुहम्मद हुसैन का मकान निर्मित है।इसके अतिरिक्त प्रतिवादी मुहम्मद हुसैन का 17 मार्च 2021 को देहांत हो गया था। अपने आदेश में तहसीलदार ने साफ़ तौर पर लिखा है कि मौजा सीधा सुल्तानपुर स्थित आबादी नंबर 331 अभिलेख में आबादी की भूमि है,जो गांव सभा की भूमि नहीं है।उक्त वाद में आर.सी.प्रपत्र 19 वापस लिया जाता है।
इस आदेश के बाद पीड़ित परिवार प्रसन्न तो है लेकिन उनका कहना है कि हमारे पिता के जीवन में ही उन्हें यह न्याय मिलना चाहिए था।डॉक्टर खालिद ने लेखापाल और तहसीलदार आदि समेत माननीय न्यायलय को सत्य का साथ देने के लिए धन्यवाद बोला है।उन्होंने इस आदेश को सच की जीत और अलाउद्दीन आदि और झूठ की हार बताया है।गौरतलब है कि स्वर्गीय मुहम्मद हुसैन पर यह तीसरी बार 115 सी. मुकदमा दर्ज हुआ था।पहली बार मुहम्मद हुसैन पर दर्ज 115 सी.मुकदमा स्वयं पीड़ित के प्रयास से माननीय न्यायलय ने खारिज किया तो दोबारा पीड़ित पर 115 सी. फर्जी तरीक़े से बनाया गया,फिर पीड़ित परिवार ने खारिज़ करवाया,फिर 115 सी बना,जो अब 2023 में मुहम्मद हुसैन की मृत्यु के पश्चात खारिज हुआ।
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