शिवाजी नगर की हरी मस्जिद मै 12 लोग एतिकाफ मै बैठे है
मुम्बई,, संवाददाता
रमजान के आखिरी 10 दिनों में एतिकाफ में बैठना सुन्नत-अल-मुआकिदा (जिस सुन्नत को करने का आग्रह किया जाता है) है । एक व्यक्ति रमज़ान की 20वीं तारीख़ के सूर्यास्त के बाद एतिकाफ़ शुरू कर सकता है और ईद का चाँद दिखाई देने पर इसे समाप्त कर सकता है। रमजान का महीना 29 या 30 दिन का हो तो सुन्नत वही रहती है
आप वर्ष के किसी अन्य समय में किसी भी अवधि के लिए एतिकाफ में बैठ सकते हैं। इस तरह का एतिकाफ मुस्तहिब (वैकल्पिक) है
पुरुषों के लिए मस्जिद में एतिकाफ करना अनिवार्य है, जहां वे जमात में सभी पांचों नमाज अदा कर सकते हैं। महिलाएं भी मस्जिद में प्रदर्शन कर सकती हैं यदि उनके पास गोपनीयता और आवश्यक सुविधाएं हों। अन्यथा, वे इसे घर पर अभ्यास कर सकते हैं, एक कोने का चयन कर सकते हैं जहां उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा और वे शांति से ध्यान कर सकते हैं
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