संवाददाता,,,सगीर अंसारी
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को मुंबई मनपा के वार्डों की संख्या 236 से 227 करने के एकनाथ शिंदे सरकार के फैसले के खिलाफ दोनों रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया जिससे नगर निकाय चुनाव को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. इसके अलावा यह भी स्पष्ट है कि यह चुनाव कुछ और महीनों के लिए विलंबित होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग को अब फिर से 227 वार्डों की संख्या के अनुसार वार्ड गठन और आरक्षण की प्रक्रिया चलानी होगी। इसमें करीब चार से छह माह का समय लगेगा। इसके अलावा नगर निगमों के साथ-साथ जिला परिषदों के मामले में शिंदे सरकार के 4 अगस्त 2022 के अध्यादेश और उसके बाद के संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं और ओबीसी आरक्षण का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसलिए चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के उचित फैसले तक चुनाव प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाएगी.
हाईकोर्ट की याचिकाओं में क्या कहा गया? 'कोरोना संकट के कारण जनगणना 2021 नहीं हो सकी। हालांकि पिछले दस सालों में मुंबई की आबादी बढ़ी है। इसलिए लोगों को उस हद तक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए महाविकास अघाड़ी सरकार ने बढ़ी हुई जनसंख्या के अनुरूप वार्डों की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 कर दी थी। उस संबंध में संशोधन को याचिकाओं के माध्यम से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने सुनवाई के अंत में उन याचिकाओं को खारिज कर दिया।
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