घाटकोपर में 2012 में हुए चेतना अजमेरा हत्या व लूट मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास

संवाददाता,,,सगीर अंसारी

मुंबई: साल 2012 में घाटकोपर के पंतनगर इलाके में हुए चेतना अजमेरा मर्डर केस में मुंबई सेशन कोर्ट ने सोमवार को अहम फैसला सुनाते हुए तीनो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

इस मामले में आरोपी अशोक पुरोहित, महेंद्र सिंह राठौर व हेमंत मनेरिया ने बिल्डर जयंत अजमेरा की पत्नी की हत्या के बाद अजमेरा के घर से डेढ़ करोड़ रुपए के हीरे के जेवरात लेकर फरार हो गए। सत्र अदालत ने सोमवार को तीनों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

हालांकि इस हत्याकांड का एक अन्य आरोपी महेश कुमार सोनी अभी फरार है. चोरी के जेवर खरीदने वाले शामल सोनी को हत्या के आरोप से पहले ही बरी किया जा चुका है।

चेतना अजमेरा की 7 मई 2012 को हत्या कर दी गई थी। इस मर्डर से मुंबई शहर में सनसनी मच गई थी. चेतना मशहूर बिल्डर जयंत अजमेरा की पत्नी थीं। 7 मई 2012 को जब जयंत अजमेरा घर आए तो उन्होंने अपनी पत्नी को खून से लथपथ पाया। जयंत अजमेरा की भी 2015 में मौत हो गई थी उस समय इस हत्याकांड की जांच और सुनवाई चल रही थी। हालांकि इससे पहले जयंत अजमेरा ने हत्या वाले दिन की आपबीती कोर्ट में बयान कर चुके थे। उस समय चेतना अजमेरा की दोनों बेटियां छुट्टियां मनाने लंदन गई हुई थीं।  जयंत अजमेरा ने कोर्ट को बताया था कि 7 मई 2012 को मैं और मेरी पत्नी सुबह 7.30 बजे उठे और हमेशा की तरह योग किया। इसके बाद पत्नी बाजार सब्जी लेने चली गई। दोपहर करीब 12:30 बजे वह वापस आई। इसके बाद मैं वडाला में निर्माण स्थल देखने के लिए घर से निकल गया।  जब मैं घर से निकल रहा था तो मैंने देखा कि हमारी खिड़की के पास दो कर्मचारी किसी चीज पर काम कर रहे हैं.

उन्होंने आगे बताया था कि उस दिन रात 8 बजे जयंत अजमेरा काम खत्म कर घर आए और उन्होंने घर की घंटी बजाई तो चेतना अजमेरा ने दरवाजा नहीं खोला।  जयंत अजमेरा ने खुद दरवाजा खोला और अंदर गए तो देखा कि उसकी पत्नी चेतना सोफे के पास फर्श पर खून से लथपथ पड़ी थी चेतना का गला किसी धारदार हथियार से रेता गया था और सिर पर चोट के निशान भी दिखाई दे रहे थे. कोर्ट में जयंत अजमेरा के मुताबिक चेतना की लाश के पास चेतना की रसोई का चाकू पड़ा था. इसके बाद जयंत अजमेरा ने भवन के सचिव को फोन कर सारी जानकारी दी. सचिव ने पुलिस को फोन किया जिसके बाद चेतना अजमेरा को अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने चेतना अजमेरा को मृत घोषित कर दिया।

जयंत अजमेरा ने पुलिस और अदालत को सूचित किया कि उन की पत्नी की हत्या के बाद उन्हो ने घर का मुआयना किया तो उन के गहने गायब थे। इनमें झुमके, घड़ियां और हीरे जड़ित चूड़ियां शामिल थीं। बाद में 9 मई 2012 को जयंत अजमेरा पुलिस स्टेशन गए तब पुलिस ने कहा कि चेतना अजमेरा की हत्या आपके घर में पहले काम कर रहे दो रसोइयों अशोक पुरोहित और हेमंत मनेरिया ने की है. अजमेरा ने हत्या से तीन महीने पहले अशोक पुरोहित को बर्खास्त कर दिया था। जयंत अजमेरा ने कोर्ट को बताया था कि चेतना अजमेरा ने उन्हें एक-दो बार कहा था क्योंकि अशोक पुरोहित ठीक से काम पर नहीं आ रहे थे.

चेतना अजमेरा की हत्या के 10 महीने बाद मुंबई पुलिस ने अशोक पुरोहित को राजस्थान से गिरफ्तार किया है. महेंद्र सिंह राठौर, शामलाल सोनी और हेमंत मनेरिया की पुलिस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में तलाशी के बाद गिरफ्तार किया था

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