लखनऊ यूपी प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता करते हुए
उत्तर प्रदेश सरकार की पोल्ट्री पॉलिसी 2013 के अंतर्गत प्रदेश में 712 लेयर पोल्ट्री फार्म 10,000 एवं 30000 पक्षियों के लगे हैं ।
प्रदेश में इसी प्रकार पोल्ट्री पॉलिसी से गैर आच्छादित 1800 फार्म भी हैं ।
इन पॉलिसी से आच्छादित एवं गैर आच्छादित लेयर फार्म से 129 लाख अंडा प्रतिदिन उत्पादित हो रहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पालिसी से आच्छादित लेयर फार्म में 1106.53 करोड़ का निवेश एवं गैर आच्छादित लेयर फार्म से 950 करोड का निवेश किया गया है ।
इस सेक्टर से पालिसी आच्छादित फार्म से 1,60,000 एवं गैर आच्छादित फार्म से 1,20,000 लोगों को प्रतिदिन रोजगार मिलता है ।
इस प्रकार कुल 2,80,000 लोगों को प्रतिदिन रोजगार मिलता है उत्तर प्रदेश के किसान लगातार बढ़ती फीड के मूल्य एवं अंडे का रेट उत्पादन लागत से कम रहने के कारण असहनीय घाटा उठा रहे हैं।
अंडे का रेट दैनिक आधार पर एक प्राइवेट संस्था जिसके पास अंडे का रेट घोषित करने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है ,करती है ।
इस संस्था का नाम नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमिटी एनईसीसी है जो एक प्राइवेट कंपनी वेंकीज इंडिया लिमिटेड द्वारा बनाई गई है ।
एनईसीसी लगातार लागत मूल्य जो वर्तमान में ₹5.30 प्रति अंडा है ,से नीचे रेट घोषित कर कुछ बड़े व्यापारियों के साथ मिलकर अंडा खरीदती है।
और कोल्ड स्टोरेज में अंडा कुछ दिन रख कर रेट बढ़ाकर बेंच लेती है अंडे का रेट गिरा कर खरीदना एवं बढ़े रेट पर बेचना इनका व्यवसाय है।
उत्पादन लागत के ऊपर रेट घोषित किया जाए तो कोई समस्या नहीं है पर एनईसीसी द्वारा लगातार उत्पादन लागत से कम मूल्य पर रेट घोषित करने से अंडा उत्पादक किसान अपने फार्म बंद करने को मजबूर हैं ।
परिवार भुखमरी का शिकार हो रहे हैं सरकारी आंकड़ों के अनुसार पालिसी से आच्छादित फार्म में से 25 फार्म बंद हो चुके।
रोजगार भी समाप्त होता जा रहा है इसके अतिरिक्त एनईसीसी एवं बड़े व्यापारियों द्वारा बाहर के प्रदेशों से गुणवत्ता विहीन एवं ज्यादा दिनों के रखे अंडे प्रदेश में अनवरत भेजे जा रहे हैं जो मार्केट में अत्यंत कम मूल्य पर बेचे जा रहे हैं।
और इस कारण से प्रदेश के किसानों का ताजा एव
प्रदेश के मुख्यमंत्री की किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प एवं रोजगार परक क्षेत्र को बचाने के लिए सरकार से कुक्कुट विकास समिति निम्न मांग एवं संभावित समाधान प्रस्ताव जनता को कम रेट पर बेचकर उत्तर प्रदेश किसानों द्वारा उत्पादित ताजा एवं गुणवत्तापूर्ण अंडों को सस्ती दरों पर बेचने को मजबूर किया जा रहा है ।
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