संवाददाता जाबिर शेख
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जनपद की तहसील लालगंज में बीते 4 माह से प्रहारी मुंबई के पत्रकार जाबिर शेख लगातार झोलाछाप डॉक्टरों की खबर चलते आ रहा है जिला आजमगढ़ के खास कर लालगंज क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों एवं हॉस्पिटल के खिलाफ लगातार समाचार एवं न्यूज़ चल रहा है कारण यह है कि बीते कई महीनो से लगातार झोलाछाप डॉक्टरकी वजह से कई मरीज असमय मौत की खुराक बन गए। बार-बार आजमगढ़ स्वास्थ्य विभाग को जगाने के साथ-साथ संबंधित मंत्रालय को भी अवगत कराया गया उसके बाद जनपद आजमगढ़ का स्वास्थ्य विभाग जग अवश्य परंतु कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। कार्यवाही भी इस प्रकार हुई की दर्जनों हॉस्पिटल एवं पैथोलॉजी मेडिकल हॉल पर कार्यवाही की गई लेकिन आज कार्यवाही की जाती है दूसरे दिन वही हॉस्पिटल वहीं मेडिकल हाल वही पैथोलॉजी के शटर खुले मिलते हैं, जनता के बीच यह चर्चा भी जोरों पर है कि जब संबंधित विभाग कार्यवाही करता है तो दूसरे दिन फिर हॉस्पिटल के दरवाजे कैसे खुल जाते हैं क्या हॉस्पिटल और विभाग के बीच कुछ गोल-गोल तो नहीं है। इस समय लालगंज देवगांव कंजहित, गोसाई की बाजार, गोसाईगंज समेत क्षेत्र के कई बाजारों में आजमगढ़ स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही हुई हॉस्पिटलों को सीज किया गया जिन हॉस्पिटलों को सीज किया गया था सब के सब इस समय खुले हैं। सच्च यह है कि अधिकांश हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। इसके अलावा और भी हॉस्पिटल हैं जो मानक को पूरा किए बगैर संचालित हैं। नहीं उन के पास फायर की एन ओ सी है ना ही उनके पास बायोमेडिकल की सर्टिफिकेट है और ना ही पॉल्यूशन की सर्टिफिकेट है और ना ही उन अस्पतालों पर योग्य डॉक्टर मौजूद हैं और ना ही उनका रजिस्ट्रेशन है और जिनका रजिस्ट्रेशन आयुर्वेद से है वह धड़ल्ले से एलोपैथ की दवाई चल रहे हैं ऑपरेशन कर रहे हैं कुछ ऐसे भी अस्पताल हैं जहां डॉक्टर का पेपर तो लगा है लेकिन डॉक्टर कभी नहीं आता काम वहीं पर वह झोलाछाप डॉक्टर करते हैं
आखिर इन झोलाछाप डॉक्टरों एवं हॉस्पिटल पर कब मुकम्मल कार्यवाही होगी। एनम और जेनम, बी यू एम एस व बी ए एम एस व बी फार्मा किए हुए लोग हॉस्पिटल चला रहे हैं और ऑपरेशन भी धड़ल्ले से कर रहे हैं।
जिनकी वजह से आए दीन जच्चा और बच्चा की मौतें होती रहती है कई परिवारों के चिराग गुजरते रहते हैं लेकिन अधिकारी के कान पर जूं तक नहीं रेंगती कई अस्पताल तो ऐसे भी हैं जिनको स्वास्थ्य विभाग ने सीज तो किया लेकिन वह ताला तोड़कर अपना कार्य कर रहे हैं वहीं पर जब जनसुनवाई के माध्यम से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाता है तो सीएमओ कार्यालय से उन झोलाछाप डॉक्टर के पास उसकी पूरी जानकारी हती है कि किसने शिकायत दर्ज की है और कौन सा अधिकारी जांच पर आने वाला है क्या यही कानून व्यवस्था है कौन है इसका जिम्मेदार कौन देगा इसका जवाब
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